अंतिम नवीनीकृत: 06 Jul 2015
print

कंपनी का संक्षिप्त विवरण

कंपनी का संक्षिप्त परिचय

दिल्ली ट्रांस्को लिमिटेड, पूर्ववर्ती दिल्ली विद्युत बोर्ड की एक उत्तरवर्ती कंपनी है । 1 जुलाई 2002 को यह कंपनी राष्ट्रीय राजधानी के एक राज्य पारेषण कंपनी के रूप में, अस्तित्व में आई। डीवीबी के विघटन के बाद, वितरण क्षेत्र निजी कंपनियों को सौंपा गया जबकि उत्पादन और ट्रांसमिशन अब भी सरकार के ही पास है। इन वर्षों में, डीटीएल विद्युत की बढ़ती मांग और आपूर्ति की स्थिति से निपटने में आने वाली कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करते हुए और सभी मोर्चों पर कार्यात्मक श्रेष्ठता हासिल करते हुए एक गतिशील निष्पादक के रूप में उभरी है।

भारत की राजधानी होने और आबादी की समृद्धि के साथ-साथ उत्तरी क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र होने के नाते, दिल्ली में विद्यत की आवश्यकता बहुत तेज गति से बढ़ रही है। इसके अलावा भारत के सामाजिक - आर्थिक और राजनीतिक जीवन का केंद्र होने के कारण, दिल्ली का महत्व दुनिया के बड़े शहरों में बढ़ रहा है। इसके साथ ही विजन – 2021, जिसका लक्ष्य दिल्ली को वैश्विक राजनीतिक महानगर और विश्व स्तरीय नगर बनाना है, के लिए अधिक अवसंरचना की मांग है ताकि अवसंरचना विकास की कई सेवाएं सुदृढ़ की जा सके। डीटीएल, ईएचवी (एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज) नेटवर्क की स्थापना, उन्नयन, प्रचालन और अनुरक्षण में अपनी भूमिका जिम्मेदारी के साथ निभा रही है। डीटीएल को स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) को चलाने का भी दायित्व सौंपा गया है, जो दिल्ली में विद्युत प्रणाली का एकीकृत प्रचालन सुनिश्चित करने के लिए एक शीर्ष निकाय है। दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड ऊर्जा संरक्षण को प्रोन्नत करने के लिए भी प्रतिबद्ध है । दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड ऊर्जा संरक्षण की आवश्यकता के बारे में सामान्य लोगों को शिक्षित और जागरूक करने के लिए बहुत काम किया है।

आधुनिकतम प्राद्योगिकियों का उपयोग

दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड, अपनी कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए अपने प्रचालनों में आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर रही है। जमीन की कमी और पर्यावरण संबंधी खतरों को ध्यान में रखते हुए डीटीएल एआईएस सब-स्टेशनों के स्थान पर जीआईएस सब-स्टेशनों को प्राथमिकता प्रदान कर रही है। अब 220 केवी के 31 सब-स्टेशनों में से 7 जीआईएस हैं।

पूरे नेटवर्क के वास्तविक काल डाटा तक निरंतर पहुंच बनाए रखने के लिए, कंपनी ने पर्यवेक्षणीय नियंत्रण और डाटा प्राप्ति (एससीएडीए) प्रणाली कार्यान्वित की है। डीटीएल भारत की कुछेक कंपनियों में से है, जिसने 2002 में ही इसे कार्यान्वित किया है।

दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड 1 अप्रैल 2007 को राज्यांतर्गत एबीटी मीटरिंग का प्रचालन करनेवाली भारत में प्रथम राज्य ट्रांसमिशन कंपनी है। 

स्मार्ट ग्रिड की अवधारणा का भी कार्यान्वयन किया जा रहा है।

डीटीएल ने उद्यम संसाधन योजना सॉफ्टवेयर को कार्यान्वित किया है, जो संगठन के सभी कार्यों के लिए एकीकृत सॉफ्टवेयर समाधान प्रदान करता है। उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) व्यवसाय प्रक्रियाओं का मानकीकरण करती है और अपेक्षाकृत कुशल प्रणाली का निर्माण कर और लाभ अधिकतम करने की दिशा में अपने प्रयासों को केंद्रित कर सर्वश्रेष्ठ पद्धति को सुगम बनाती है।

डीटीएल ने एंटरप्राइज द्वीपिय प्रणाली का भी कार्यान्वयन किया है, जिससे ग्रिड के असफल होने की स्थिति में अबाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसके अलावा आपात स्थितियों में डीटीएल यथाशीघ्र विद्युत आपूर्ति बहाल करने में सक्षम होगी।

हमारी ताकत

डीटीएल में लगभग 1800 कार्मिकों का समर्पित और सक्षम कार्यबल है, जिसमें सभी श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं। संगठन के प्रमुख अध्यक्ष हैं जिनकी सहायता के लिए प्रबंध निदेशक और तीन पूर्णकालिक निदेशक हैं। इसके साथ कंपनी के विभिन्न कार्यों के निष्पादन के लिए अन्य कार्यबल हैं। तीन प्रमुख स्कंध हैं यथा मानव संसाधन, वित्त और प्रचालन, जिनके प्रमुख क्रमश: निदेशक (मानव संसाधन), निदेशक (वित्त), निदेशक (प्रचालन) हैं और इनमें निम्नलिखित विभाग शामिल हैं :-

कंपनी का संक्षिप्त विवरण
मानव संसाधन वित्त प्रचालन
मानव संसाधन आंतरिक लेखापरीक्षा प्रचालन और अनुरक्षण-1 और 2
जनसंपर्क बजट लागत परियोजना, 1 और 2
विधिक व्यय सिविल
चिकित्सा वेतन सी एंड एम.एम.
प्रशिक्षण लेखा एसएलडीसी
श्रम कल्याण स्टोर बिलिंग सी एंड आर ए
सुरक्षा एसडी / बैंकिंग, वित्तीय जाँच प्रकोष्ठ सूचना प्रौद्योगिकी

अंतिम बार अपडेट किया 25-Apr-2025

आगंतुक काउंटर:

1229492